Hindi Contemporary Version 2019

यशायाह 2:1-22

याहवेह का पर्वत

1यहूदिया और येरूशलेम के विषय में आमोज़ के पुत्र यशायाह ने दर्शन देखा:

2कि अंत के दिनों

में वह पर्वत और पहाड़

जिस पर याहवेह का भवन है;

उसे दृढ़ और ऊंचा किया जायेगा,

और सब जाति के लोग बहती हुई नदी के समान उस ओर आएंगे.

3और कहेंगे,

“आओ, हम याहवेह के पर्वत,

याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें.

कि वह हमें अपने नियम सिखाएं,

और हम उनके मार्गों पर चलें.”

क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी,

और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा.

4परमेश्वर राज्यों के बीच न्याय करेंगे

और लोगों की परेशानियां दूर करेंगे.

तब वे अपनी तलवारों को पीट-पीटकर हल के फाल

तथा अपने भालों को हंसिया बना लेंगे.

एक देश दूसरे के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा,

तथा उन्हें फिर कभी लड़ने के लिए तैयार नहीं किया जाएगा.

5याकोब के लोग आओ,

हम याहवेह के प्रकाश में चलें.

याहवेह का दिन

6याहवेह, ने तो अपनी प्रजा,

याकोब के वंश को छोड़ दिया है.

क्योंकि वे पूर्णतः पूर्वी लोगों के समान हो गये;

और फिलिस्तीनियों के समान उनकी सोच

और काम हो गया है.

7उनका देश भी सोना और चांदी से भरा है;

और उनके पास धन की कमी नहीं.

और उनका देश घोड़ों

और रथों से भरा है.

8उनका देश मूर्तियों से भरा है;

जो अपने हाथों से बनाया हुआ है.

9और मनुष्य उसके सामने झुकते

और प्रणाम करते हैं,

इसलिये उन्हें माफ नहीं किया जाएगा.

10याहवेह के डर तथा उनके प्रताप के तेज के कारण

चट्टान में चले जाओ और छिप जाओ!

11मनुष्यों का घमंड नीचा करके;

याहवेह को ऊंचा किया जायेगा.

12क्योंकि हर घमंडी एवं अहंकारी व्यक्ति के लिए सर्वशक्तिमान याहवेह ने दिन ठहराया है,

उस दिन उनका घमंड तोड़ दिया जाएगा,

13और लबानोन के समस्त ऊंचे देवदारों,

तथा बाशान के सब बांज वृक्षों पर,

14समस्त ऊंचे पहाडों

और ऊंची पहाड़ियों पर,

15समस्त ऊंचे गुम्मटों

और सब शहरपनाहों पर और,

16तरशीश के सब जहाजों

तथा सब सुंदर चित्रकारी पर.

17जो मनुष्य का घमंड

और अहंकार है दूर किया जाएगा;

और केवल याहवेह ही ऊंचे पर विराजमान होगा,

18सब मूर्तियां नष्ट कर दी जाएंगी.

19जब याहवेह पृथ्वी को कंपित करने के लिए उठेंगे

तब उनके भय तथा प्रताप के तेज के कारण

मनुष्य चट्टानों की गुफाओं में

तथा भूमि के गड्ढों में जा छिपेंगे.

20उस दिन मनुष्य अपनी सोने-चांदी की मूर्तियां जिन्हें उन्होंने बनाई थी,

उन्हें छछूंदरों और चमगादड़ों के सामने फेंक देंगे.

21जब याहवेह पृथ्वी को कंपित करने के लिए उठेंगे

तब उनके भय तथा उनके प्रताप के तेज के कारण,

मनुष्य चट्टानों की गुफाओं में

तथा चट्टानों में जा छिपेंगे.

22तुम मनुष्यों से दूर रहो,

जिनका सांस कुछ पल का है.

जिनका कोई महत्व नहीं.